यदि हम सिद्धातों की बात करें तो किसी भी कार्य का परिणाम नियम के अनुरूप होना चाहिये परन्तु हमारी सोच एवं सिद्धान्तों के विपरीत होने वाली आश्चर्यजनक घटनायें ही ज्योतिष के असितत्व को सिद्ध करने के लिए काफी हैं।
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यदि हम सिद्धान्तो की बात करें तो किसी भी कार्य का परिणाम नियम के अनुरुप होना चाहिये, परन्तु हमारी सोच एंव सिद्धान्तो के विपरीत होने वाली आश्चर्यजनक घटनाऎं ही ज्योतिष के अस्तित्व को सिद्ध करने के लिए काफी हैं.
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यदि हम सिद्धान्तो की बात करें तो किसी भी कार्य का परिणाम नियम के अनुरुप होना चाहिये, परन्तु हमारी सोच एंव सिद्धान्तो के विपरीत होने वाली आश्चर्यजनक घटनाऎं ही ज्योतिष के अस्तित्व को सिद्ध करने के लिए काफी हैं.